ओ मेरो पहाड़ा तेरी याद कतु भली,
ऊंचा ऊंचा डाना औ डानान में,
बादलनैकी झड़ी,
ड़ानन बटि गध्यार,
लाग्नी जस मोतियन की लड़ी,
ओ मेरो पहाड़ा तेरी याद कतु भली ।
तेर खुटन कै ध्वैनी,
मिठो मिठ पाणिक गाड़ औ गध्यार,
तेर ख्वारक मुकुट छू,
देविनौंको धाम,
दयाप्तनाक मंदिरन नैल सजि छू,
तेरो पुर आंग,
दुल्हैणि जचार सजै दिनी तुकैं,
बुरांशै कि कली,
ओ मेरो पहाड़ा तेरी याद कतु भली ।
सफेद बरफाक पहाड़न मैं,
सूरज भरौं रंग,
तेर उ अद्भुत रुप देखि,
सबै है जानि हतभंग,
दूरै बटि देखि जानि,
तेर रंग बिरंग खेत,
कमैं पकौं धान त,
कमैं मडु मादिर गहत,
तू छी मेरि ईजा जचार,
मेरि जनम भूमि,
तेरि याद बहौतै ऊं रे,
मेरि जनम भूमि।
कूर्म रुप अवतरित भै विष्णु*,
तबै तेर नाम पड़िगो कुमाऊँ,
गढ़वाल मैं बद्रीनाथ केदारनाथ,
चार धाम मैं एक है गईं,
तेर आंचल में पवित्र ब्रह्मकमल,
गंगा यमुना नदीनैकी इज भई तू,
ब्रह्मा विष्णु महादेव,
तेर काखी मैं बस गयीं,
तेरो नाम सबै मुनी,
देव भूमि कै गयीं।
ओ मेरो पहाड़ा तेरी याद कतु भली,
तू मेरी ईजा जै छी मेरि जनम भूमि,
ओ मेरो पहाड़ा ओ मेरि जनम भूमि,
तेरि याद बहौतै ऊँ रे मेरि जनम भूमि।
Absolutely beautiful!!
ReplyDeleteThank you Namita
Deleteबहुत सुंदर👌👏
ReplyDeleteअतिशय धन्यवाद विनोद जी
DeleteBeautiful
Deleteअतिशय धन्यवाद
Delete