Monday 15 September 2014

मेरा नटखट वीर /Mera natkhat Vir

मेरा नटखट वीर 

बिस्तरा खाली हैं,
वीर आज यहां नहीं है ,
हर चीज जगह पर मिल रही है ,
पर मन विचलित है ,
वीर आज यहाँ नहीं है।

आज तो मेरे कमरे की खिड़की भी उदास है,
क्यों कि वीर आज यहाँ नहीं है।

वो भागना , मचलना,
वो किलकारी मार कर हँसना,
वो नटखट शरारतें,
वो दूध के दांत दिखा कर तिरछी मुस्कराहट ,
वो अपने कंबल को लपेटकर सोना,
वो प्यारी सी भोली सी सूरत ,
हर पल याद आती है ,
आज मुझे नींद नहीं आती है।

तू यूँ ही मुस्कराते रहना,
मेरी उम्र तुझे लग जाये,
तू चिरंजीवी रहना,
केवल एक बात याद रखना,
तेरी नानी तुझे बहुत प्यार करती है ,
हर दम तुझे याद करती है ,
मेरे वीर तू किधर है,
जल्दी आ जा तेरी जगह बिस्तर में खाली है ,
मेरे वीर आज मन विचलित है,
तू आ जा,
आ ना जल्दी से आ जा ना,
तेरी नानी बुलाती है।
जल्दी से आ, गले लग जा ना।

💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗💗
प्यार सहित तेरी नानी। 

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