Thursday 30 July 2020

मैं और मेरा पुष्प

 काश मैं एक भँवरा होती,
या होती एक छोटी सी तितली,
मधुप पान करने जब जाती
खो जाती सपनों की दुनिया में
और पुष्प जब रात्री में सो जाता,
अपनी पालकों को झुका के बंद कर लेता,
मैं भी उसके अंदर सो जाती,
सुगंधित पुष्प के अंतरंग में,
स्वप्नों की दुनिया में खो जाती
चिर निद्रा में सो जाती।
चिर निद्रा में सो जाती।